Sadhana Shahi

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माँ काल रात्रि भजन-15-Apr-2024

कालरात्रि माता (चैत्र, शुक्ल,सप्तमी )

घने अंधकार सा वर्ण है, काली रात सा काला । दुष्टों का मर्दन माॅं करतीं, और पहने मुंडों की माला।

चैत्र शुक्ल सप्तमी तिथि , ये हैं पूजी जातीं, माॅं दुर्गा की सातवीं शक्ति हैं, दानवी शक्तियाॅं दूर भगातीं।

रूप है इनका अति भयंकर, शुभ फल देने वाली। शुभ फल देने के कारण ही शुभंकरी कहला लीं।

साधक सहस्त्र सार में स्थित, सिद्धियों के द्वार हैं खुलते, दुष्टों का विनाश है होता, ग्रह बाधा सब दूर हैं हटते।

माॅं की भक्ति जो कोई करता, भयमुक्त वो है हो जाता। दुख -दरिद्र, तमस मिट जाता, आश का दीपक जलता।

चर -अचर की ये हैं स्वामिनी, सकल जगत की ये आधार। इनका पराक्रम अलंघनीय है, करती विश्व का ये उद्धार।

रूप भयंकर ह्रदय है कोमल, दानव का यह काल हैं। रक्तबीज संहार की खातिर, धरी रूप विकराल हैं।

उर पर विद्युत सी माला चमके, ब्रह्मांड सरीखे गोल त्रिनेत्र। स्वाॅंस -प्रसाद से निकले ज्वाला, काले मेघ से बिखरे केश।

दाएॕँ उठे कर में वरमुद्रा है, सभी को वर माॅं देती हैं । नीचे कर में अभय मुद्रा है, सबका भय हर लेती हैं।

ऊपर बाएँ कर में काॅंटा, मधु -कैटभ का नाश हैं कीं, नीचे कर में खड्ग बिराजे, माॅं दुष्टों का मर्दन कीं।

रौद्री ,घुमोरना अन्य नाम हैं, दुष्ट संहार इनका काम है। काली ,महाकाली, भैरवी, रुद्राणी, चंडी, विनाशक नाम है।

माॅं गर्दभ की करें, सवारी, नकारात्मकता का मर्दन करतीं। बिजली सी माला है चमके, स्वांँस से इनके अग्नि निकलती।

गुड़ का व्यंजन माॅं मन भावे, इसका भोग लगालो भक्तों। गुड़ से माॅं अति हर्षित होतीं, मनवांछित फल पा लो भक्तों।

पूजा- अर्चन इनका करके, हर पापों से मुक्ति मिलेगी । दुश्मन घुटने टेक ही देंगे , यश,तेज की वृद्धि होगी।

कण -कण में माँ तेरा बसेरा, तुझे बारंबार प्रणाम है। पापों से तू मुक्ति देती, तेरा अद्भुत धाम है।

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2 Comments

Mohammed urooj khan

17-Apr-2024 12:05 PM

👌🏾👌🏾p👌🏾👌🏾

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Babita patel

16-Apr-2024 05:31 AM

Amazing

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